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आपत्तिजनक प्रस्तुति।
पवित्र हनुमान चालीसा पर पैरोडी लिखने का निकृष्ट कृत्य। अत्यंत खेद जनक धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती प्रस्तुति।

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10 Jun 2020 07:45 PM

हनुमान चालीसा स्वयं एक गप्प गाथा है. उदाहरण : बाल समय रवि भक्ष्य लियौ, तब तीनहूं लोक भयो अंधियारो.

आजकल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक फैशन हो गया है लगता है।

….और उस फ़ैशन के आप बड़े पैरोकार हैं, क्यों ?

आपके समान मैंने किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाई है। मैंने तो सत्य को उजागर किया है। जो आप जैसे लोगों का अपने आप को महान सिद्ध करने के लिए किसी धर्म विशेष का अपमान करने का फैशन हो बन गया है।

आपको धर्म और धार्मिकता की परिभाषा भी पता नहीं है तथा कुंठाग्रस्त हो अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं !

यदि हिंदू धर्म पर एवं देश की अखंडता पर कुठाराघात के विरोध में सत्य वचन को अनर्गल प्रलाप कहा जाये तो यह निकृष्ट मानसिकता का सूचक है ।

जिनको आप प्रतिनिधित्व कर रहे हैं…..
‘मोदी चालीसा’ और ‘लालू चालीसा’ पर क्यों नहीं कहते !

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