Seema katoch
Author
8 Jun 2020 08:13 AM
Thankyou ji
Thankyou ji
स्मृतियों की भूल भुलैया में जीवन अक्सर खो जाता है परन्तु जीवन एक निरन्तर प्रकिया है।इस अन्तर द्वन्द का प्रदर्शन शब्दों की तूलिका से मनोहारी रचना के माध्यम से किया है जिसमें अतीत की टीस तो है पर इतनी भी नहीं कि जिजीविषा को संकुचित कर सके।
पाठकों द्वारा साहित्योपीडिया में प्रथम स्थान पर सतत सम्मानित करने हेतु बधाइयां ।