सांसों के तार पर धड़कन की ताल पर गीत गा रही है ये ज़िंदगी। कभी सपनों के ,कभी अपनों के, कभी खुशी के ,कभी गम़ के गीत सुना रही है ये ज़िंदगी।
धन्यवाद !
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सांसों के तार पर धड़कन की ताल पर गीत गा रही है ये ज़िंदगी।
कभी सपनों के ,कभी अपनों के, कभी खुशी के ,कभी गम़ के गीत सुना रही है ये ज़िंदगी।
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