यूं चुप रहते हो तो दिल के दाग जलते हैं। जो बात कर लेते हो तो बुझते चिराग जलते हैं। यूं चुप सी क्यों लगी है अजी कुछ तो बोलिए। कुछ आज मेरी सुनिए कुछ अपनी सुनाइए। खामोशी से तो दिल और दिमाग जलते हैं। यू चुप रहते हो तो दिल के दाग जलते हैं।
श़ुक्रिया !
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यूं चुप रहते हो तो दिल के दाग जलते हैं।
जो बात कर लेते हो तो बुझते चिराग जलते हैं।
यूं चुप सी क्यों लगी है अजी कुछ तो बोलिए।
कुछ आज मेरी सुनिए कुछ अपनी सुनाइए।
खामोशी से तो दिल और दिमाग जलते हैं।
यू चुप रहते हो तो दिल के दाग जलते हैं।
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