वाह ! बहुत सुंदर दोहे.
प्यार मुहब्बत का हुआ , ऐसा रूप खराब | गुलशन का हर शूल ज्यों, चुभने को बेताब ||
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वाह ! बहुत सुंदर दोहे.
प्यार मुहब्बत का हुआ , ऐसा रूप खराब |
गुलशन का हर शूल ज्यों, चुभने को बेताब ||