महोदय जी ? वहीं मैं भी कहना चाहती हूं , थोड़ा भटकाना चाहती हूं पाठकों को यानी थोड़ा विचार कर सके खुद से कि ” फिर काल्पनिक कथाओं के पात्रो की तुलना वास्तविक जीवन में क्यो ?
महोदय जी ?
वहीं मैं भी कहना चाहती हूं , थोड़ा भटकाना चाहती हूं पाठकों को यानी थोड़ा विचार कर सके खुद से कि ” फिर काल्पनिक कथाओं के पात्रो की तुलना वास्तविक जीवन में क्यो ?