कवि लोकेन्द्र ज़हर
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29 May 2020 09:28 PM
सच को अल्फाज देने की कोशिश भर है, बहुत आभार मित्र.स्नेह बनाये रखियेगा
29 May 2020 09:40 PM
आपका सदैव स्वागत है।
आपके कविता में कवि नागार्जुन का झलक देखने को मिलता है।।
मन को विचलित करने वाली प्रस्तुति। बिल्कुल सच्चाई पर आधारित।।।