Bimal Rajak
Author
29 May 2020 10:40 AM
मनमोहक कविता।।।
प्रणाम।
जब उजियारा छाये
मन का अन्धेरा जाये
किरनों की रानी गाये
जागो हे, मेरे मन, मोहन प्यारे
जागी जागी रे सब कलियाँ जागी
नगर नगर सब गलियाँ जागी
जागी रे जागी रे जागी रे…
जागो मोहन प्यारे, जागो
नव युग चूमे नैन तिहारे
जागो, जागो मोहन प्यारे
जागी जागी रे सब कलियाँ जागी
नगर नगर सब गलियाँ जागी
जागी रे जागी रे जागी रे…
जिसने मन का दीप जलाया
दुनिया को उसने ही उजला पाया
मत रहना अँखियों के सहारे
जागो मोहन प्यारे…
किरन परी गगरी छलकाये
ज्योत का प्यासा, प्यास बुझाये
फूल बने मन के अंगारे
जागो मोहन प्यारे…
धन्यवाद !