Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2020 11:36 AM

आपकी प्रस्तुति ?

वक्त का क्या वो तो हर पल बदलता है ,
इंसान ही तो है जो वक्त के लिए तरसता है ।

धन्यवाद महोदय जी ।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
28 May 2020 12:02 PM

वक्त मुट्ठी में ली हुई रेत की तरह होता है।
एक बार फिसल जाए फिर कभी ना हाथ आता है।

Loading...