Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
In reply to ज्योति
26 May 2020 01:46 PM

सोचोगे नहीं जब तक ऐसा बदलाव कहां से लाओगे,
जब झकझोर देगी कलम तुम्हे तुम्हारी,
तभी तो कर्मो का तूफ़ान पैदा कर पाओगे

Loading...