प्रीतम जी,आपने अपनी रचना में मां से लेकर,दुःख दर्द में डूबे हुए के चेहरे पर मुस्कान लाने का संकल्प तक, संस्कारों का दर्शन कराए हैं, सुंदर भाव है।
You must be logged in to post comments.
प्रीतम जी,आपने अपनी रचना में मां से लेकर,दुःख दर्द में डूबे हुए के चेहरे पर मुस्कान लाने का संकल्प तक, संस्कारों का दर्शन कराए हैं, सुंदर भाव है।