जी sir सहमत हूँ but हमारी इंसानी बुद्धि ही ऐसी है पैसा आजाये तो दिमाग खराब हो जाता ना आये तो तड़पते रहते है,
फिर भी मैं उन लोगों को ज्यादा लाचार मानता हूँ जो रोज का कमाकर खाते है जिनके पास न कोई ज़मीन ना जायदाद कुछ भी नही,आधे लोगो के पास जमीन है पर उसे खेती करने का ढंग नही पता हमारे पंजाब से हज़ारों किसानों ने up बिहार mai moti ज़मीनें खरीद रखी उसको भी उपजाऊ बना लिया,सरकार को रेट तो ठीक देती अब but जो उसने कृषि संस्थान बनाये वो निकमे हैं लोगों को जागरूक नही करते कोनसी फसल kaise लगानी✍️
जी sir सहमत हूँ but हमारी इंसानी बुद्धि ही ऐसी है पैसा आजाये तो दिमाग खराब हो जाता ना आये तो तड़पते रहते है,
फिर भी मैं उन लोगों को ज्यादा लाचार मानता हूँ जो रोज का कमाकर खाते है जिनके पास न कोई ज़मीन ना जायदाद कुछ भी नही,आधे लोगो के पास जमीन है पर उसे खेती करने का ढंग नही पता हमारे पंजाब से हज़ारों किसानों ने up बिहार mai moti ज़मीनें खरीद रखी उसको भी उपजाऊ बना लिया,सरकार को रेट तो ठीक देती अब but जो उसने कृषि संस्थान बनाये वो निकमे हैं लोगों को जागरूक नही करते कोनसी फसल kaise लगानी✍️