कुछ थीं उनकी बंदिशें और कुछ थे मेरे दायरे। जब मुक़द्दर ही बने दुश्मन तो कोई क्या करे।
श़ुक्रिया !
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थैंक्स जी✍️
कुछ थीं उनकी बंदिशें और कुछ थे मेरे दायरे।
जब मुक़द्दर ही बने दुश्मन तो कोई क्या करे।
श़ुक्रिया !