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भुजंग तो मनुष्य बेहतर है जो छेड़े बिना ज़हर नहीं फैलाता है।
मनुष्य तो भुजंग से बदतर है जो बिना छेड़े भी ज़हर फैलाता है ।

धन्यवाद !

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