वरुणेन्द्र सिंह राधेय
Author
9 May 2020 08:32 PM
सहमत भाई।
उपभोक्तावाद एवं वैश्वीकरण के इस युग मे पत्रकारिता अब सच्चाई और जनसाधारण की भलाई के लिए लड़ने वाले अहिंसक हथियार के रूप में नही वरन सिर्फ एक लुभावना “कैरियर ऑप्शन” बन कर रह गया है जिसका एकमात्र उद्देश्य अर्थलाभ एवं भौतिक सुविधाएं प्राप्त करना रह गया है।