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एक समय ऐसा था, जब केवल दो पहर ही होते थे , दिन के बाद सीधे रात होती थीं , याद करते थे वो बचपन जब सुबह, दोपहर, शाम, रात हुवा करती थी। वही समय आज गुजर रहा है बगैर किसी यादो के साथ।

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10 May 2020 08:45 PM

बचपन को याद करने पर सुकून तो बहुत मिलता है परन्तु कुछ ऐसी बातें भी अनचाहे आ जाती हैं जो कभी अपनों से हुआ करती थी और वो अपने हमें कब का छोड़कर चले गए सिर्फ कड़वी यादों के सहारे।

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