यदि हम अपने परिवार, समाज और देश को सुख तथा समृद्धि की ओर ले जाना चाहते हैं तो प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वार्थ के परे कर्तव्य-पथ पर चलना ही पड़ेगा।
यदि हम अपने परिवार, समाज और देश को सुख तथा समृद्धि की ओर ले जाना चाहते हैं तो प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वार्थ के परे कर्तव्य-पथ पर चलना ही पड़ेगा।