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यह तो मुक़द्दर की बात है ।
जो कोई महलों की रोशनी है।
तो कोई झोपड़ियों का च़िराग है।

श़ुक्रिया !

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7 May 2020 03:01 PM

दुखद परन्तु सच यही है
..?

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