शशि शर्मा "मंजुलाहृदय"
Author
5 May 2020 03:20 PM
सुन्दर रचना ?
दिल दरिया होता है दिल समुंदर भी।
जिसमें प्यार उफान मारता है और होती हैं हमदर्दी की लहरें भी।
दिल की आग जब धधकती है तो बन जाती है दावानल भी।
खाक करके रख देती है बड़े-बड़े महलों को भी।
बर्बाद करके रख देती है कई हंसती खेलती जिंदगियों को भी।
धन्यवाद !