सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
15 May 2020 09:08 PM
धन्यवाद
टूटे हुए ख्वाबों ने हमको ये सिखाया है।
दिल ने जिसे पाया था आंखों ने गवाया है।
धन्यवाद !