मजदूरों की दशा में सुथार के बिना मजदूर दिवस मनाना उनका उपहास मात्र है। विशेषकर वर्तमान विषम परिस्थिति में दर-दर भटकते मजदूरों की शोचनीय दशा में सरकार द्वारा बिना किसी श्रमिक कल्याणकारी घोषणा के इसका महत्व नगण्य रह जाता है।
धन्यवाद !
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मजदूरों की दशा में सुथार के बिना मजदूर दिवस मनाना उनका उपहास मात्र है। विशेषकर वर्तमान विषम परिस्थिति में दर-दर भटकते मजदूरों की शोचनीय दशा में सरकार द्वारा बिना किसी श्रमिक कल्याणकारी घोषणा के इसका महत्व नगण्य रह जाता है।
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