उनके मुस्कुराने को हम इज़हार -ए -मोहब्ब़त समझ बैठे। कितने ऩादान थे हम फ़रेबी इश्क के जाल में उलझ बैठे।
श़ुक्रिया !
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जी शुक्रिया बहुत खूब
उनके मुस्कुराने को हम इज़हार -ए -मोहब्ब़त समझ बैठे।
कितने ऩादान थे हम फ़रेबी इश्क के जाल में उलझ बैठे।
श़ुक्रिया !