नसीब की क्या बात हौंसले बुलंद रखिये,दिल तो क्या है बहक जाता है,पर इरादे अक्लमंद रखिये.
गैरों की बस्ती मैं भी मिलती है इज्जत,खुद के नाम को इतना हुनरमंद रखिये।
नसीब की क्या बात हौंसले बुलंद रखिये,दिल तो क्या है बहक जाता है,पर इरादे अक्लमंद रखिये.
गैरों की बस्ती मैं भी मिलती है इज्जत,खुद के नाम को इतना हुनरमंद रखिये।