सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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26 Apr 2020 01:28 AM
आभार
आभार
जिंदगी तूने हमें बहुत सताया है।
जो अब तक मेरे अपने थे उन्हें पराया बनाया है।
श़ुक्रिया !