दिल में एक अजीब सी उलझन है कुछ समझ ना पाऊं कुछ कर ना पाऊं। क्या मेरी नादानी से मेरा ये हाल है। या तेरी फितरत कि कोई चाल है। सोचता हूं क्या जुगत लगाऊं जिससे इस उलझन से निकल पाऊं।
श़ुक्रिया !
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दिल में एक अजीब सी उलझन है कुछ समझ ना पाऊं कुछ कर ना पाऊं।
क्या मेरी नादानी से मेरा ये हाल है।
या तेरी फितरत कि कोई चाल है।
सोचता हूं क्या जुगत लगाऊं जिससे इस उलझन से निकल पाऊं।
श़ुक्रिया !