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Comments on यादें..!
In reply to
Mandeep Gill Dharak
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
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6 Nov 2018 05:24 PM
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भाव किसी भाषा की मोहताज नही होता मान्यवर, अच्छा या बुरा , पसन्द या नापसन्द सिर्फ समझ के ऊपर है।।
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भाव किसी भाषा की मोहताज नही होता मान्यवर, अच्छा या बुरा , पसन्द या नापसन्द सिर्फ समझ के ऊपर है।।