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मोहब्ब़त के सुहाने दिन जवानी की हंसी रातें।
जुदाई में नजर आती है ये सब ख़्वाब की बातें।
ये तन्हाई नहीं थी इस जगह की प्यार की महफिल।
तेरे गम से गले मिलकर यहां अब रो रहा है दिल।
यही हँस हँस के होतींं थी कभी अपनी मुलाकातें।

श़ुक्रिया !

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11 Apr 2020 08:21 PM

उत्तम सर , बहुत उत्तम

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