Mahender Singh
Author
5 Apr 2020 02:22 PM
जी बिलकुल
खुद के चक्रव्यूह में फँसने से पहले,
एक तरफा द्वार वाली गुफा में कैसे धकेला गया,
जान जाये तो,
चक्रव्यूह खुद टूट जाता है ?
सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिये तहेदिल आभार ?
महेंद्र जी,बहुत ही प्रेरक प्रसंग को जन सामान्य के समक्ष प्रस्तुत किया है! आखिर यह है भी तो उसी के लिए,उसके द्वारा स्वयं के लिए परोशा हुआ