राहुल कुमार सागर बदायूंनी
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5 Apr 2020 11:53 AM
उम्दा…
बहुत बहुत शुक्रिया
दिल की आरज़ू को हमने अपनों की आन पर क़ुर्बान कर दिया। अब तो फ़क्त हम अपनी जिंदा लाश को ढोते फिरते हैं।
श़ुक्रिया ।