वचन धर्म निर्वाह को प्रतिपादित करता है। प्रण त्याग एवं बलिदान को परिभाषित करता है। जबकि हठ व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के लिए भावनाओं का दुरुपयोग है। इसमें मानवीय तत्व का अभाव रहता है।
धन्यवाद !
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वचन धर्म निर्वाह को प्रतिपादित करता है।
प्रण त्याग एवं बलिदान को परिभाषित करता है।
जबकि हठ व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के लिए भावनाओं का दुरुपयोग है। इसमें मानवीय तत्व का अभाव रहता है।
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