Gautam Jain
Author
2 Apr 2020 10:31 PM
बहुत बहुत धन्यवाद
मुहब्बत को रुह में उतरने तो दो ……..
आपकी हर ग़ज़ल की तरह यह ग़ज़ल भी बेहतरीन है