धड़कनों के जब तार जुड़े हैं। तारों से इज़हार जुड़े है। टूटे तार तो कैसे हो मेरा इज़हार। कैसी रखूं जारी मैं प्रेम का व्यवहार।
धन्यवाद !
You must be logged in to post comments.
धड़कनों के जब तार जुड़े हैं।
तारों से इज़हार जुड़े है।
टूटे तार तो कैसे हो मेरा इज़हार।
कैसी रखूं जारी मैं प्रेम का व्यवहार।
धन्यवाद !