भूरचन्द जयपाल
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8 Nov 2018 11:03 PM
सही फर्माया आपने
साधुवाद
जी आपकी रचना पढ़ी बहुत अच्छी लगी परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो बेहतर होगा ! जैसे ,पीकर ऐसे लिखें,ग़ैर लिखें , , ! कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं। सादर ‘एकलव्य’ VOTED