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जी आपकी रचना पढ़ी बहुत अच्छी लगी परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो बेहतर होगा ! जैसे ,रोते है में है को हैं करें , कई पँक्तियों में लिंगों में भेद करना मुश्किल जान पड़ता है।,थोड़ी-सी लिखें ,एक-एक ऐसे लिखें,हमे को हमें करें! कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं। सादर ‘एकलव्य’ VOTED

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22 Nov 2018 09:13 AM

बहुत बहुत धन्यवाद आपका???

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