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Comments on मुक्तक
In reply to
Shyam Sundar Subramanian
Mugdha shiddharth
Author
17 Mar 2020 12:25 PM
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बड़े नाज़ुक दौर के रहगूजर से गुजर रहे है हम
लिबास बदन पे है और बदन उतार रहे हैं लोग
~ सिद्धार्थ
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बड़े नाज़ुक दौर के रहगूजर से गुजर रहे है हम
लिबास बदन पे है और बदन उतार रहे हैं लोग
~ सिद्धार्थ