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In reply to Salil Shamshery
9 Mar 2020 11:27 PM

कस्तुरी कुंडल बसै,मृग ढूढ़ै वन माहि

नायाब पँछी तो आपके अंदर विराजमान काव्य प्रतिभा है जो भावों के अनुकूल पाठक जनों का मन मोह रहा है।

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