भौतिक विज्ञान में resonance की तरह जब रचनाकार के शब्दों की लय और पाठक के मनोमस्तिष्क मे भावों को आत्मसात करने की उत्सुकता की आवृत्ति समान हो तो ऊर्जा महत्तम हो सकती है।
संभवतः मेरी त्वरित एवं समावेशी प्रतिक्रिया का एक आधार यह भी हो सकता है ।आपने अन्यथा नही लिया,यह आपकी सदाश्यता है।
आपकी रचनाये सुधी पाठकों के लिये संजीवनी है, सदैव स्वागत रहेगा।
भौतिक विज्ञान में resonance की तरह जब रचनाकार के शब्दों की लय और पाठक के मनोमस्तिष्क मे भावों को आत्मसात करने की उत्सुकता की आवृत्ति समान हो तो ऊर्जा महत्तम हो सकती है।
संभवतः मेरी त्वरित एवं समावेशी प्रतिक्रिया का एक आधार यह भी हो सकता है ।आपने अन्यथा नही लिया,यह आपकी सदाश्यता है।
आपकी रचनाये सुधी पाठकों के लिये संजीवनी है, सदैव स्वागत रहेगा।
सादर आभार