सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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3 Mar 2020 12:48 PM
आभार
आभार
हम एक दूसरे के परिपूरक बनकर जीवन में इस तरह उभरे हैं।
मेरे बिन ना तुम तेरे बिन ना मैं हमारे जीवंत अस्तित्व अधूरे हैं।
धन्यवाद !