Seema katoch
Author
3 Mar 2020 12:04 PM
Thanks for such inspiring words
अत्यंत भावपूर्ण चित्रण
प्रेम मे वार्तालाप के रस का प्रमुख स्थान है, कवि बिहारी,
का सोलहवीं सदी का प्रसिद्ध दोहा है।
बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाइ।
सौंह करैं भौंहनु हँसै, दैन कहैं नटि जाइ॥
#Biharilal #KaviBihari
… गोपियों ने कृष्ण की मुरली इसलिए छुपा दी ताकि उन्हें कृष्ण से बातें करने का मौका मिल जाए । साथ में गोपियाँ कृष्ण के सामने नखरे भी दिखा रही हैं, वे अपनी भौहों से तो कसमे खा रही हैं लेकिन उनके मुँह से ना ही निकलता है। #LordKrishna #Gopika