Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

रेत की दीवार हूं हाथ ना लगाना मुझे छूते ही बिखर जाऊंगा इतना टूट चुका हूं अंदर से मैं।

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...