अरशद रसूल बदायूंनी
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26 Feb 2020 10:52 AM
सही कहा
सही कहा
जिन्होने अपने हाथों से बनाई हैं ये महलनुमा कोठियां।
उन्ही मजदूरों कोआज मय़स्सर भी नही रहने के लिए झोंपड़ियाँ ।
श़ुक्रिया !