गमे ज़िंदगी ने इतने ज़ख्म दिए हैं। ऱूदादे दिल सुनाएं तो सुनाएं कैसे।
श़ुक्रिया !
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वाह
गमे ज़िंदगी ने इतने ज़ख्म दिए हैं।
ऱूदादे दिल सुनाएं तो सुनाएं कैसे।
श़ुक्रिया !