Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

प्रेम अनंत है। अपरिमित भावों की अभिव्यक्ति लिए हुए जिसका अस्तित्व स्वतंत्र है।

धन्यवाद !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
31 Mar 2020 01:30 PM

जी परम आदरणीय एकदम सही कहा है आपने।सादर आभार आपका

Loading...