रेखा कापसे
Author
23 Jan 2020 10:53 AM
बहुत धन्यवाद?
बहुत धन्यवाद?
तुम्हारी जुदाई का गम जब मुझे सालता है।
तब अपने इजहार ए गम को शायरी में ढाल कर सुक़ून पा लेती हूं।
श़ुक्रिया !