आलोक कौशिक
Author
23 Jan 2020 09:13 AM
सही फरमाया ज़नाब…?
शुक्रिया…?
अब तो इंसानियत का कत्लेआम हो गया।
दोस्त का दुश्मनी निभाना अब सरेआम हो गया।
श़ुक्रिया !