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बापू को लोग भुला भी दें पर उनकी दी हुई सोच को भुला ना सकेंगेंं।
उनकी दूरदर्शिता आज के संदर्भ में भी सटीक बैठती है ।
पर्यावरण की शुद्धता एवं स्वच्छता अभियान उसी सोच का परिणाम है जिसे हमें नहीं भूलना होगा। जाति धर्म के भेदभाव को समाप्त कर सद्भाव एवं सहअस्तित्व की भावना से ही किसी राष्ट्र का उद्धार हो सकता है यह एक अकाट्य सत्य है जिसे झुटलाया नहीं जा सकता।
आप की विचारधारा का स्वागत है।
धन्यवाद!

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18 Dec 2020 12:58 PM

धन्यवाद जी।

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