Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

तुम तो मेरे दिलो जिग़र में यहां तक कि ऱूह में भी पाब़स्ता हो।
कैसे दूर करूं तुम्हें मुझसे तुम तो मेरी जिंदगी का अहम् हिस्सा हो।
श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
11 Jan 2020 01:37 PM

Wah… thanks

Loading...