प्यार एक हृदय से हृदय का स्पंदन है। यह समस्त मानवीय रिश्तों से परे अलौकिक हर्दिक अनुभूति है।
यह समस्त बन्धनों से मुक्त सहअस्तित्व की स्वतंत्रता की परिभाषा है। प्रेम का अस्तित्व अक्षुणः है। जबकि लगाव आकर्षण का पर्याय है और शाश्वत नही क्षणभंगुर है।
धन्यवाद !
प्यार एक हृदय से हृदय का स्पंदन है। यह समस्त मानवीय रिश्तों से परे अलौकिक हर्दिक अनुभूति है।
यह समस्त बन्धनों से मुक्त सहअस्तित्व की स्वतंत्रता की परिभाषा है। प्रेम का अस्तित्व अक्षुणः है। जबकि लगाव आकर्षण का पर्याय है और शाश्वत नही क्षणभंगुर है।
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