तुम ही मेरी इब्ति़दा हो। तुम ही मेरी इन्तेहा हो। तुम ही मेरी रू़ह का क़रार हो ।
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तुम ही मेरी इब्ति़दा हो। तुम ही मेरी इन्तेहा हो।
तुम ही मेरी रू़ह का क़रार हो ।