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नम्बर के चक्कर मे लागे नेता देश चक्कर खा रहा ।
कुछ न समझ पाये बाशिंदे इसके बस घनचक्कर बनकर रह गए ।
व्यंगात्मक प्रस्तुति का स्वागत है।

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हार्दिक धन्यवाद?? आ०जी

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